Maharashtra News : अदालत ने अमरावती में हुए केमिस्ट की हत्या में शामिल सात आरोपियों को एनआईए की हिरासत में भेजा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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Maharashtra News : अदालत ने अमरावती में हुए केमिस्ट की हत्या में शामिल सात आरोपियों को एनआईए की हिरासत में भेजा

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को यहां एक अदालत में कहा कि महाराष्ट्र के अमरावती में दवाई की दुकान चलाने वाले उमेश कोल्हे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार आरोपी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को यहां एक अदालत में कहा कि महाराष्ट्र के अमरावती में दवाई की दुकान चलाने वाले उमेश कोल्हे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार आरोपी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे।एनआईए की विशेष अदालत ने दलीलें सुनने के बाद सात आरोपियों को 15 जुलाई तक इस केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।अमरावती में दवा की दुकान चलाने वाले उमेश कोल्हे की 21 जून की रात घर लौटते समय हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि पैगंबर मोहम्मद के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित नेता नुपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणी का समर्थन करने वाले पोस्ट साझा करने के लिए कोल्हे की हत्या कर दी गई।एनआईए ने विशेष न्यायाधीश ए के लाहोटी से आरोपियों को 15 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने 15 जुलाई तक एजेंसी को आरोपियों की हिरासत दी।
आरोपी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे – एनआईए
एनआईए ने अदालत को बताया कि यह दर्शाने के लिए आधार है कि आरोपी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे। अभियोजन ने कहा कि आरोपियों की कोल्हे से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी लेकिन उनका इरादा लोगों को आतंकित करना था।एनआईए ने कहा कि ऐसा ही अपराध कहीं और भी हुआ है। एजेंसी शर्मा का समर्थन करने पर उदयपुर में एक दर्ज़ी की हत्या का हवाला दे रही थी। उसने अदालत को बताया कि यह एक गहरी साज़िश है।एक आरोपी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता शरीफ शेख ने दलील दी कि अभियोजन पक्ष ने यह उल्लेख नहीं किया कि कौन सा आतंकवादी संगठन इस अपराध में शामिल है और कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई है।उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद रोधी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम को लागू करने का कोई आधार नहीं है। वकील ने कहा कि आरोपी अमरावती पुलिस की हिरासत में काफी समय बिता चुके हैं और अब उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए।

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