भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब में किसानों के आंदोलन के कारण माल और यात्री ट्रेनों के निलंबन को लेकर बृहस्पतिवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और त्योहारों के मौसम में ‘‘पंजाबियों के समक्ष विकट परिस्थितियों’’ को समाप्त करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग, प्रवक्ता आर पी सिंह और पंजाब इकाई के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा शामिल थे।
शर्मा ने रेल मंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि राज्य वस्तुत: ‘कांग्रेस सरकार की घेरेबंदी’ में है और वह इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम माल और यात्री ट्रेनों को फिर से चलाने के लिए सुरक्षा की खातिर राज्य सरकार से हलफनामा लेकर तत्काल प्रभाव से इसका समाधान करने का आपके कार्यालय से अनुरोध करते हैं। आम आदमी भारी आर्थिक संकट में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में उद्योग और वाणिज्य लगभग बंद हो गए हैं और इस आर्थिक संकट के परिणामों से राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ टूट जाएगी…। पंजाब का उद्योग और वाणिज्य समाज के एक बड़े हिस्से को रोजगार प्रदान करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’
शर्मा ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए उर्वरक और कीटनाशकों की कमी एक बहुत बड़ी समस्या बन रही है। शर्मा ने पत्र में कहा, Òयह पत्र आपके संज्ञान में लाने के लिए है कि पंजाब में लोगों की मुसीबतें बढ़ रही हैं क्योंकि कांग्रेस सरकार (राज्य में) किसानों के नाम पर आंदोलन को प्रायोजित करने में व्यस्त है… केंद्रीय मंत्री अवगत हैं कि यह त्योहारों का मौसम है और ट्रेनों के नहीं चलने से राज्य के लोग यात्रा नहीं कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह गौर करना आवश्यक है कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण जम्मू कश्मीर को आपूर्ति नहीं हो रही है।’’ उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से भी तत्काल यह आश्वासन देने का अनुरोध किया कि माल और यात्री ट्रेनों का संचालन तुरंत प्रभाव से शुरू होगा।
गोयल ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि रेलवे राज्य में परिचालन शुरू करने के लिए तैयार है, बशर्ते उसके कर्मियों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा आश्वासन दिया जाए।
गोयल ने ट्वीट कर कहा, ‘रेलवे पंजाब में परिचालन शुरू करने के लिए तैयार है, बशर्ते राज्य सरकार ट्रेनों की सुरक्षा का हमें आश्वासन दे और पटरियों को प्रदर्शनकारियों से मुक्त कराए।’’
हाल ही में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान के आंदोलन के कारण राज्य में एक महीने से अधिक समय तक ट्रेन सेवाएं निलंबित हैं। रेलवे ने कहा है कि उसे पहले से ही इस वजह से 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।