लुधियाना : दिल्ली की तिहाड़ जेल में काफी लंबे समय से बंद भाई जगतार सिंह हवारा ने एक खत आज एडवोकेट अमरसिंह चाहल के जरिए पत्रकारों को सौंपा। जिसमें भाई जगतार सिंह हवारा ने लिखा है कि बरगाड़ी मोर्चे से संबंधित आपसी दुश्मनबाजी ना की जाएं। उन्होंने खत में यह कहा कि पिछले दिनों के घटनाक्रम के साथ पंथक जत्थेबंदियों में काफी बेचैनी हुई है।
6 महीने चले बरगाड़ी मोर्चे की समाप्ति के ऐलान के बाद सिख संगत में निराशा भी है। पत्र में भाई हवारा ने यह भी लिखा कि मैं सख्त शब्दों में कहना चाहूंगा कि अब आगे से किसी भी संघर्ष को चलाने और फैसले करने का अधिकार किसी एक व्यक्ति के हाथों देने की बजाए सिख पंरपरा के मुताबिक गुरूमत्ता करके ही कोई फैसला लिया जाएं।
अमरिंदर ने ‘टॉयलेट सीट’ कवर के साथ स्वर्ण मंदिर की तस्वीर की आलोचना की
इसके साथ ही पत्र में यह भी लिखा है कि 5 सदस्य कमेटी जल्द ही कायम कर दी जाएंगी और कायम की गई कमेटी की सहमति के बिना अगले संघर्ष की रूपरेखा ना बनाई जाएं।
उधर बरगाड़ी इंसाफ मोर्चे की 20 दिसंबर को होने वाली मीटिंग कुछ अति आवश्यक कारणों के कारण रदद किए जाने की जानकारी देते हुए सरबत खालसा द्वारा घोषित किए गए श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड ने बताया की बरगाड़ी इंसाफ मोर्चे द्वारा अगली बैठक 10 जनवरी को अमृतसर में बुलाई गई है।
– सुनीलराय कामरेड