लुधियाना : पंजाब में बारिश रुकने और भाखड़ा डैम से अतिरिक्त पानी आज ना छोड़े जाने के बावजूद राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। सतलुज दरिया के अंतर्गत बाढ़ की चपेट में आएं सब-डिवीजन लोइयां खास के अलग-अलग गांवों के अंदर पानी का स्तर चाहे पहले से कुछ कम हो रहा है लेकिन आज भी दरिया के पानी का बंाध टूटने के कारण गांव युसूफपुर दारेवाल, युसूफपुर आलेवाल, कुतबीवाला, गिदड़पिंडी, बाड़ा जोधा सिंह मानक, नसीरपुर आदि गांवों में पानी भरा हुआ है।
बाढ़ में फंसे लोगों के बचाव के लिए सेना, प्रशासन और समाज सेवी संस्थाओं समेत अलगअलग धार्मिक जत्थेबंदियों द्वारा राहत कार्यो में तेजी लाई गई है। सुबह-सवेरे से ही सेना के जवान अलग-अलग जत्थेबंदियों द्वारा डयूटी संभालते हुए दरिया में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं जाने से लेकर खादय सामग्री पहुंचाने का कार्य कर रहे है।
राहत कार्यो में तेजी लाते हुए बाढ़ पीडि़तों को लाइफ जॉकेटें, तरपाल, बोरे और खादय सामग्री किश्तियों द्वारा भेजी जा रही है। लोइयां के एसएमओ डॉ दविंद्र कुमार समरा ने बताया कि उन्होंने मेडिकल टीमों के द्वारा रोगियों के लिए दवाइयां दिए जाने के पुख्ता प्रबंध किए है। शाहकोट सब डिवीजन के बाढ़ प्रभावित 18 गांवों में जिला प्रशासन द्वारा हवाई फौज की मदद से हेलीकेप्टर द्वारा आज जालंधर से 36000 परोठे और पानी की बोतलों समेत सुखे राशन के 18000 पेकेट हेलीकैप्टर द्वारा पीडि़तों के लिए फेंके गए है।
बारिश रुकने से रूपनगर, लुधियाना व नवांशहर के ज्यादातर हिस्सों में फिलहाल थोड़ी राहत मिली है, लेकिन फिरोजपुर, कपूरथला व जालंधर में मुश्किलें कम नहीं हुई हैैं। भाखड़ा डैम से सतलुज दरिया में पानी छोडऩे से सुल्तानपुर लोधी (कपूरथला) के गांव दारेवाल मडाला के निकट बनाया धुस्सी बांध टूट गया। इससे 16 गांव पानी की चपेट में आ गए और सैकड़ों लोग फंस गए।
इसी तरह जालंधर के 33 गांवों में बाढ़ में 18000 लोग फंस गए हैं। सेना व एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। नदियों में उफान और रेल पुलों पर पानी के दबाब के कारण रेल सेवा भी प्रभावित हुआ है। छह ट्रेनों को बुधवार को भी रद कर दिया गया है।
डीसी वरिंदर कुमार शर्मा, एसएसपी देहात नवजोत सिंह माहल, स्मार्ट सिटी सीईओ जतिंदर जोरवाल, एसडीएम परमजीत सिंह व अन्य अधिकारी राहत और बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। दूसरी ओर गांव मंडियाला में सेना के जवान 150 मीटर के ब्रीच को भरने में जुटे हैं।
जालंधर में शाहकोट और लोहियां में हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने सेना के अतिरिक्त जवान राहत कार्य में लगा दिए हैं। प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए वायुसेना की भी मदद ली गई। अभी तक जिले के 50 गांवों के करीब 50 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
– सुनीलराय कामरेड