लुधियाना : नागरिकता संशोधन कानून के विरूद्ध दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे रोष प्रदर्शन में प्रर्दशनकारियों के समर्थन के लिए पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन (उगराहं) की अगुवाई में दिल्ली गए 800 के करीब किसान, औरतें और विद्यार्थियों के काफिले को दिल्ली पुलिस द्वारा शाहीन बाग पहुंचने से तीन कि.मी. पहले ही रोक लिया गया।इसी कारण रोष में आएं किसानों ने आज महिलकलां में लुधियाना- बठिण्डा मुख्य मार्ग पर धरना देते हुए केंद्र सरकार की अर्थी फूंककर रोष प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए अलग-अलग प्रवक्ताओं ने मांग की कि केंद्र सरकार नागरिकता कानून (सी.ए.ए), एनआरसी और एनपीआर को तुरंत वापिस लें। प्रवकताओं ने घोषणा भी की कि अगर पंजाब से गए किसानों के काफिलों को शाहीन बाग तक पहुंचने ना दिया गया तो जत्थेबंदियों द्वारा अगले दिनों में सडक़ें जाम करने के साथ-साथ रेल रोककर संघर्ष को तेज किया जाएंगा।
भारतीय किसान यूनियन नाभा के प्रधान हरमेल सिंह तूंगा और जिला प्रचार सचिव जगतार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा देश के लोगों पर जबरी थोपे गए नागरिकता संशोधन कानून जैसे लोग विरोधी काूनन के विरूद्ध दिल्ली के शाहीन बाग में बैठी मुस्लिम भाईचारे की ओरतों, बच्चों और अन्य संघर्षशील लोगों के समर्थन में बीते कल बी.के.यू द्वारा पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से 10 बसें भेजी गई थी लेकिन दिल्ली पुलिस प्रशासन द्वारा बसों को शाहीन बाग जाने से पहले ही गुरूद्वारा बाला साहिब में रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली प्रशासन द्वारा धरने में शांतमयी हिस्सा लेने के लिए जा रहे पंजाब के लोगों को रोकना जमूहलियत के बिल्कुल विपरीत है।
भारतीय किसान यूनियन एकता द्वारा आज लोंगोवाल के गांव शेरो में भी नागरिकता संशोधन कानून और केंद्र सरकार की बांटने वाली नीतियों के विरूद्ध अर्थी फूंक प्रदर्शन किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका गया। गांव शेरों के गुरूद्वारा चौक में अर्थी फूंकने से पहले अलग-अलग गांवों के किसानों ने नागरिकता संशोधन कानून के विरूद्ध दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे धरने में शामिल होने जा रहे पंजाब के किसानों को रास्ते में ही रोके जाने की निंदा की। आगुओं ने ऐलान किया कि 16 फरवरी को मलेरकोटला में काले कानून के खिलाफ की जा रही रैली में किसान मजदूर भाईचारा संगठन के सदस्य बड़ी संख्या में शमूलियत करेंगे।
-सुनीलराय कामरेड