राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात और मामले के ‘उचित समाधान’ के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का फैसला होने के बाद प्रदेश में सियासी संकट का पटाक्षेप होता नजर आ रहा है। इस बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी की ओर से सरकार गिराने की कोशिश की गई लेकिन हमारे विधायक एक साथ हैं और एक भी पार्टी को छोड़कर नहीं गया।
गहलोत ने कहा कि “पार्टी में शांति, भाईचारा, सद्भाव रहेगा। तीन लोगों की कमेटी बनी है, उनकी कोई शिकायतें होंगी तो वो उनको बता देंगे। 100 से ज्यादा लोगों (विधायकों) का इतने समय तक एक साथ रहना इतिहास बन गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के तरफ से सरकार गिराने की कोशिश नाकाम रही। पार्टी का एक आदमी टूट कर नहीं गया।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायकों को लेकर कहा, ” जो लोग आएं हैं वो किन परिस्थितियों में गए थे, उनसे क्या वादें किए गए थे, उन्हें मुझसे क्या नाराजगी है उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है। अब संकट लोकतंत्र को बचाने का है, ED, आयकर,CBI का दुरुपयोग चुन-चुन कर और बेशर्मी से हो रहा है।”
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि “अब इतनी बेशर्म सरकार आई है कि लोग क्या कहेंगे चिंता ही नहीं है, जब आप (बीजेपी) धर्म के नाम पर राजनीति करोगे तो ये जो भावना है कि परवाह ही मत करो लोग क्या कहेंगे, धर्म के नाम पर बांटो, चुनाव जीत के आओ।”