भाकपा ने राजस्थान के कोटा में एक अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से नवजात बच्चों की मौत की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे शर्मनाक बताया है। भाकपा की ओर से गुरुवार को जारी बयान में पार्टी ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। साथ ही चिकित्साकर्मियों की लापरवाही के कारण बच्चों की मौत गंभीर चिंता का विषय है क्यों कि सरकार अस्पताल में मूलभूत चिकित्सा सुविधायें मुहैया कराने में नाकाम रही।
इससे साफ है कि बच्चों की मौत के लिए सरकार की लापरवाही भी जिम्मेदार है। भाकपा ने कहा, ‘‘हमें याद है, इस तरह की घटना उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के एक अस्पताल में भी हुई थी, लेकिन इसके बावजूद सरकारों ने इस तरह की घटनाओं से सबक लेकर इनसे बचने के लिए कारगर कदम नहीं उठाए।’’
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पार्टी ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए चिकित्सा क्षेत्र में पर्याप्त निवेश के अभाव की समस्या को दूर करना होगा जिससे अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके, साथ ही चिकित्साकर्मियों की भी जिम्मेदारी तय करनी होगी। गौरतलब है कि कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम दो दिन में कम से कम नौ और शिशुओं की मौत हो गई।
इसके साथ ही इस महीने अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या करीब 100 हो गई है। भाकपा ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र में कम से कम छह प्रतिशत बजट राशि आवंटित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि स्वास्थ्य, राज्य और केन्द्र के क्षेत्राधिकार में आता है, इसलिए केन्द्र और राज्य सरकार को कोटा के मामले में आरोप प्रत्यारोप से बचते हुए आपसी समन्वय को दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए।