उन्नाव बलात्कार कांड के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बीजेपी से निकाले जाने की कांग्रेस की मांग के बीच सत्ताधारी पार्टी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सेंगर को काफी पहले ही पार्टी से निलंबित किया जा चुका है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि सेंगर को करीब दो साल पहले बलात्कार का आरोप लगने के बाद ही निलंबित कर दिया गया था।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सेंगर को लेकर पार्टी का फैसला अब भी कायम है और सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है। सेंगर को बीजेपी से निकालने की मांग को लेकर कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता अजय कुमार ‘लल्लू’ के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को लखनऊ में धरना प्रदर्शन किया और बीजेपी कार्यालय के घेराव की कोशिश की।
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हालांकि, पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर करीब दो साल पहले बलात्कार का आरोप लगाने वाली लड़की, उसकी चाची और मौसी अपने वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने रिश्तेदार महेश सिंह से रविवार को मुलाकात करने जा रही थी।
रास्ते में रायबरेली के गुरबख्श गंज क्षेत्र में उनकी कार और एक ट्रक के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में टक्कर हो गई थी। इस घटना में लड़की की मौसी ने स्थानीय अस्पताल में दम तोड़ दिया था। वहीं, हादसे में घायल कार सवार उसकी चाची को लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था।
इस घटना में घायल लड़की और उसके वकील की हालत बेहद नाजुक है और वे दोनों ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर पर हैं। इस मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 नामजद तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ सोमवार को हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
सरकार ने देर रात इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। पीड़िता ने वर्ष 2017 में उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इस मामले में सेंगर को गिरफ्तार किया गया था। मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी है और इस वक्त सेंगर जेल में हैं।