उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने बीजेपी के खिलाफ चुनावी बिगुल फूंकने की तैयारी कर ली है। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में महापंचायत की जाएगी। महापंचायत भाकियू के लिए प्रतिष्ठा और मान सम्मान की पंचायत होगी।
उन्होंने बीजेपी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि फर्जी मामले दर्ज करा कर लोगों में भय पैदा कर दिया है। आज किसान वर्ग पूरा खतरे में है। उन्होंने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में लगातार भागेदारी करने का आह्ववान किया और बड़त के प्रदीप आत्रे हत्याकांड में मौजिजाबाद नांगल के प्रधान को जेल भेजने का मामला उठाया।
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इस मामले में बागपत के पुसार गांव में 23 जुलाई को पंचायत करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की बहुत मदद की, सरकार बनवाई। मगर आज बीजेपी सरकार किसानों की सुनने को तैयार नहीं है। आज किसान वर्ग पूरा खतरे में है। अब बीजेपी का इलाज करने का समय आ गया है। अराजनीतिक चोला ओढ़ हुए 35-36 साल हो चुके हैं। अब यह चोला किसान हित में उतारना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पांच सितंबर की महापंचायत मुजफ्फरनगर की धरती पर ऐतिहासिक पंचायत होगी। हमने 35 साल के किसान यूनियन के अनुभव को देखते हुए यह माना है कि यह सरकार और सभी सरकारों के मुकाबले सबसे जिद्दी और अड़यिल है। अगर यह सरकार नहीं बदली गई तो आने वाले भविष्य में किसान बिरादरी ही समाप्त हो जाएगी। किसानों को सभी मतभेद भुलाकर इस महापंचायत के लिए तैयार रहना है।
उन्होंने कहा कि हमें अपने काम धंधे के साथ-साथ एक निगाह अपनी खेती पर और दूसरी इस आंदोलन पर रखनी है, इस आंदोलन को हमें चलाना है। इस आंदोलन में सभी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता होगी जो सभी किसान मिलजुल कर अपनी इच्छा अनुसार देंगे और आंदोलन को सफल बनाने का काम करेंगे।
चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि अब की बार हम हम उस पार्टी विधायक का समर्थन करेंगे जिससे हम जरूरत पड़ने पर जब चाहे जब पंचायत में इस्तीफा मांग सके, अगर वह किसान हित में कार्य नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे बीच जो जयचंद है, उनका भी इलाज किया जाएगा।