उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों की बदजुबानी और कार्यशैली से क्षुब्ध होकर बहुजन समाज पार्टी के एक दलित नेता ने जान दे दी। बदायूं जिले के सहसवान तहसील क्षेत्र के बीएसपी नेता हरवीर सिंह ने शनिवार को तहसील परिसर में ही सल्फास की गोलियां खा ली, जिसकी उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। बीएसपी नेता ने दो पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है और पूरे मामले के लिए उप जिलाधिकारी सहसवान और रजिस्ट्रार कानूनगो को जिम्मेदार ठहराया है।
बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि ‘हरवीर सिंह नामक एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खा कर आत्महत्या कर ली। जिलाधिकारी ने संबंधित कानूनगो को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच अपर जिलाधिकारी (राजस्व एवं वित्त) नरेंद्र बहादुर सिंह को सौंपी है।’ दूसरी ओर जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने बताया, ”प्रथम दृष्टया कानूनगो को दोषी पाए जाने पर निलबिंत किया जा रहा है और मामले की जांच एडीएम वित्त एवं राजस्व को सौंपी गई है, साथ ही भूमि का पट्टा मृतक के परिजनों को आवंटित किया जा रहा है।”
परिजनों के अनुसार सहसवान तहसील क्षेत्र के गांव रसूलपुर का रहने वाला हरवीर सिंह (40) बहुजन समाज पार्टी का तहसील अध्यक्ष था। पुलिस को दी गई तहरीर में मृतक बीएसपी नेता के भाई जयवीर सिंह ने कहा है कि वर्ष 2006 में हरवीर सिंह को जमीन का पट्टा आवंटित किया गया था जिसको संक्रमणीय भूमिधर में दर्ज कराने के लिए वह तहसील के चक्कर लगा रहा था, मगर रजिस्ट्रार कानूनगो और उप जिलाधिकारी उससे 50 हजार रुपये रिश्वत मांग रहे थे।
मृतक के भाई का आरोप है कि शनिवार को एसडीएम सहसवान किशोर गुप्ता ने उसके साथ बदसलूकी की और जेल भेज देने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि हरवीर इस व्यवहार से इतना दुखी हुआ कि उसने तहसील परिसर में ही सल्फास खा ली और अपने परिजनों को जहर खा लेने की बात फोन पर बताई। आनन फानन में उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
हरवीर ने सुसाइड नोट भी लिखा है जिसमें उसने एसडीएम किशोर गुप्ता और रजिस्ट्रार कानूनगो को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बीएसपी नेता ने मीडिया से दोषी दोनों अधिकारियों को सजा दिलवाने की गुहार भी लगाई है।