विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों में बहुजन समाज पार्टी के प्रदर्शन ने पार्टी के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए। साल 2007 में सरकार बनाने वाली बीएसपी को सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा। कभी सत्ता चलाने वालीं मायावती ने पार्टी के इस प्रदर्शन पर कहा कि नतीजों से घबराकर व निराश होकर पार्टी के लोगों को टूटना नहीं है।
मायावती ने शुक्रवार को कहा, कल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा की उम्मीद के विपरीत जो नतीजे आए हैं, उससे घबराकर व निराश होकर पार्टी के लोगों को टूटना नहीं है। उसके सही कारणों को समझकर और सबक सीखकर हमें अपनी पार्टी को आगे बढ़ाना है और आगे चलकर सत्ता में जरूर आना है।
मुस्लिम समाज ने BSP से ज्यादा SP पर भरोसा कर की बड़ी भूल
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि मुस्लिम समाज बसपा के साथ तो लगा रहा परन्तु इनका पूरा वोट समाजवादी पार्टी की तरफ सिफ्ट कर गया, इससे बसपा को भारी नुकसान हुआ… मुस्लिम समाज ने बार-बार आजमाई पार्टी बसपा से ज्यादा सपा पर भरोसा करने की बड़ी भारी भूल की है।
उन्होंने कहा कि 2017 से पहले बीजेपी की उत्तर प्रदेश में अच्छी हिस्सेदारी नहीं थी। इसी तरह आज कांग्रेस भी उसी दौर से गुजर रही है जिस दौर से कभी बीजेपी गुजरी थी। मायावती ने कहा, यूपी चुनाव के परिणाम हमारे लिए प्रयास जारी रखने का एक सबक है।
क्या खत्म हो रहा है माया का दौर?
1984 में बनी 38 साल पूरानी बहुजब समाज पार्टी क्या अपने पतन की ओर है? इन चुनावों में आए नतीजे कुछ इस ओर ही इशारा कर रहे हैं, क्योंकि साल 2007 में बहुमत से सत्ता पर काबिज होने वाली पार्टी 2022 में सिर्फ एक सीट पर ही सिमट गई। गुरुवार को सामने आए विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों में सिर्फ एक विधायक (रसड़ा से उमाशंकर सिंह) ने ही जीत हासिल की है, बसपा के बाकी सभी प्रत्याशी चुनाव हार चुके हैं।