बिहार में विधानसभा चुनाव में शिरकत नहीं करने और मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को समर्थन देने की बात करते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी हालांकि समान विचारधारा वाले दलों से कुछ सीटों पर तालमेल किया जा सकता है।
श्री यादव ने रविवार को यहां पत्रकारों से कहा ‘‘ 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी कोई चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं करेगी लेकिन समान विचारधारा वाले दलों से सीटों पर तालमेल किया जा सकता है।
हालांकि अभी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। ’’ उन्होने कहा कि सपा बिहार विधानसभा चुनाव में शिरकत नहीं करेगी लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को शिकस्त देने का माद्दा रखने वाले गठबंधन अथवा दल विशेष को अपना समर्थन जरूर देगी। उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश में सपा का इकलौता विधायक वहां सत्तारूढ़ कमलनाथ सरकार को समर्थन देगा।
जाति आधारित जनगणना की मांग को दोहराते हुये सपा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा नहीं करके भाजपा सरकार दलित और पिछड़ को अलग थलग कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के पोस्टर को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की भर्त्सना करते हुये कहा ‘‘ अदालत इसे अवैध कह चुकी है लेकिन सरकार तानाशाह की तरह व्यवहार कर रही है। यह हर किसी के लिये अचरज भरा है कि मुख्यमंत्री खुद के ऊपर लगाये गये सभी मामलो को वापस ले चुके हैं। ’’
उन्होने चुटकी लेते हुये कहा कि यहां तक कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी दिल्ली दंगों के लिये यूपी की भर्त्सना कर चुके हैं। हो सकता है कि श्री शाह की श्री योगी से कोई नाराजगी हो। ’’ श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार नोवल कोरोना वायरस से निपटने के लिये तैयार नहीं है और वह इस गंभीर खतरे को काफी हल्के में ले रही है।
पार्टी कार्यकर्ताओं को 2022 के विधानसभा चुनाव के लिये कमर कसने का आवाहन करते हुये श्री यादव ने का कि कार्यकर्ता आंदोलनो और अन्य कार्यक्रमों में जोर शोर से शिरकत करें। अब हर तरफ साइकिल दिखेगी।
इस बीच बुंदेलखंड और आजमगढ़ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व सांसद और पूर्व विधायकों समेत कई कद्दावर नेताओं ने आज सपा की सदस्यता ग्रहण की।