भारत देश की राजधानी दिल्ली में G20 शिखर सम्मलेन के भव्य आयोजन की तैयारियां खत्म हो चुकी हैं। यहां विदेशों से आने वाले मेहमानों के लिए बहुत से ख़ास इंतजामों का ध्यान रखा गया हैं। ऐसे में भारत में आने वाले अतिथियों के लिए कुछ स्पेशल तोहफे भी मंगवाए गए हैं। जिसमें से बेहद ख़ास होने वाला हैं उत्तर प्रदेश के महोबा की हस्तशिल्प कला का गिफ्ट। उत्तर प्रदेश के महोबा की हस्तशिल्प कला ने जिले को बहुत बड़ा नाम दिया है।
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को महोबा में बनाए गए पीतल के ‘पुष्पकमल’ भेंट किए जाएंगे। पुष्पकमल कुलपहाड़ के मेटल आर्टिस्ट मनमोहन सोनी ने इसे ख़ासतौर पर बनाया है। ये खास उपहार महोबा में बनाए जाएंगे, जिन्हें बाइडेन और ऋषि सुनक सहित अन्य राष्ट्राध्यक्षों को भेंट के तौर पर दिया जाएगा।मनमोहन के बनाए गए स्पेशल पुष्पकमलों को 8 महीने पहले ही उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम ने मंजूरी दे कर चूज़ कर लिया था।
विभिन्न पुरस्कारों से नवाज़ें गए हैं मनमोहन
G-20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले ही पुष्पकमल के चित्रों को दिल्ली भेज दिया गया हैं। मनमोहन सोनी पीतल की कलाकृति बनाने में माहिर हैं; वे 1998 में राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार, 1997 में नेशनल मेरिट अवार्ड और 2012 में नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं। 2012 में मनमोहन ने मॉस्को में अपने चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है। वह अपनी कलाकृतियों को देश के सभी प्रमुख शहरों, महानगरों और कला मेलों में दिखा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने की थी तारीफ़
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने 2016 में महोबा में आयोजित परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट की, जिसे प्रधानमंत्री ने बेहद सराहा था। पीतल की कलाकृतियां मनमोहन सोनी ने अपने पिता के समय से बनाई हैं और आज भी वे इन सब को बनाते आ रहे हैं।
बेहद खास नज़र आता हैं ये पुष्पकमल
शिल्पकार मनमोहन सोनी ने पांच इंच की पीतल की कमलकृति बनाई है। इसमें 16 पंखुड़ियां हैं, जिसमें 8 बड़ी और 8 छोटी पंखुड़ियां हैं। जब आप इस कमलपुष्प को खोलते हैं, तो आपको हर पंखुड़ी खिली हुई दिखाई देती है। इसके बंद होने पर सभी पंखुड़ी अपने आप अंदर हो जाती हैं। इसके बाद सिर्फ कमल की कली ही नज़र आती हैं। मनमोहन सोनी को पचास सेट कमलकृति बनाने में एक महीने का समय लगा हैं। उनका पूरा परिवार अद्भुत पीतल कला बनाने के लिए जाना जाता है।
परिवार भी देता हैं उनका साथ
मनमोहन के बड़े भाई कल्याणदास ने भी नेशनल अवार्ड प्राप्त किया है और सिर्फ इतना ही नहीं उनके छोटे भाई आजाद और शिवकुमार भी राज्य पुरस्कार जीत चुके हैं। मनमोहन के कार्य में घर की महिलाएं भी जरूरत पड़ने पर सहयोग करती हैं। मनमोहन की यह कमलकृति को जब एक याद के तौर पर दुनियाभर के बड़े नेताओं और राष्ट्राध्यक्षों को दिया जाएगा तो यह न ही सिर्फ मनमोहन के लिए एक यादगार पल होगा बल्कि यह पूरे बुंदेलखंड के लिए गर्व महसूस करने वाली बात होंगी। इन पुष्पकमलों को खासतौर पर G20 के लिए तैयार करके दिल्ली भेजा गया हैं जिसे बनाने में मनमोहन को 1 महीने का समय लगा हैं।