यरूशलम की गुफा से मिली दीये-खोपड़ियां और कई रहस्‍यमय चीजें, आखिर किस विधि के लिए होता था इनका प्रयोग? - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

यरूशलम की गुफा से मिली दीये-खोपड़ियां और कई रहस्‍यमय चीजें, आखिर किस विधि के लिए होता था इनका प्रयोग?

हाल ही में इजरायल के यरूशलम में एक गुफा के अंदर तेल के दीये, खोपड़ियां और कई रहस्‍यमय चीजें देखने को मिली हैं इन सभी मिले हुए सबूतों से पता चलता हैं कि यह के ये लोग इनका प्रयोग आत्माओ से सीधे बात करने के लिए किया करते थे।

हमारी पृथ्वी एक वाकई खजानो का भण्डार हैं यहां कब क्या-क्या मिल जाये ये कोई नहीं कह सकता। जब ऊपर वाले की मर्ज़ी होगी हर रोज़ किसी न किसी परदे से राज़ बाहर आएगा। आये दिन हमें कई ऐसी रहस्य्मयी चीज़ो और अवशेषों के बारे में पता चलता रहता हैं जो अबतक हमारी नज़रो से तो मानो कोसो दूर बैठी हुई थी लेकिन दिखी तब ही जब उपरवाले की मर्ज़ी थी। 
1690271026 assemblage of oil lamps found in the teomim cave photo by boaz zissu img 1971
कुछ ऐसा ही इजरायल के यरूशलम में देखने को मिला हैं। यहां पुरातत्‍वविदों को एक प्राचीन द्वार मिला है जिसमे घुसते ही उनकी आँखें मानो चकित ही रह गई। हजारों साल पुरानी इस गुफा के अंदर जब साइंटिस्‍ट गए तो हैरान रह गए। अंदर तेल के दीये, खोपड़ियां, लैंप, सिक्के और कलाकृतियां नजर देखने मिली। हार्वर्ड थियोलॉजिकल रिव्यू में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार बात कि जाये तो, यहां ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे रोमन युग में नेक्रोमेंसी या मृत्‍यु जादू की प्राचीन प्रथा के बारे में जानकारी मिलती है। यहां के लोग इस विधि द्वारा आत्‍माओं से सीधे बातचीत करने की कोशिश करते थे।
1690271058 79370fa94f71cf864bc0e218fdaaa910
यरूशलम से लगभग 30 किमी पश्चिम में स्थित पहाड़ियों में टेओमिम गुफा स्थित हैं,जिसका अध्‍ययन सन्1873 से किया जा रहा है। जिसके बाद अब विशेषज्ञों के लम्बी तपस्या का फल मानो उन्हें मिल ही गया हो। जेरूसलम से लगभग 30 किमी पश्चिम में पहाड़ियों में टेओमिम गुफा है, जिसका अध्ययन 1873 से किया जा रहा है। विशेषज्ञों को लंबे समय से संदेह है कि यहां बहने वाले भूमिगत झरने के पानी का उपयोग उन लोगों द्वारा इलाज के लिए किया जाता था जो 4000 ईसा पूर्व और चौथी शताब्दी के बीच यहां रहते थे। 
1690271066 assemblage of oil lamps as found covered by the upper part of a human skull photo by boaz zissu teomim cave l1000184
इस जगह का इस्तेमाल मृतकों से संवाद करने की कोशिश के लिए किया जाता था। यानी एक तरह से समझा जाए तो तांत्रिक क्रियाएं होती थीं. इस गुफा का उपयोग दूसरी शताब्दी ईस्वी में बार कोखबा विद्रोह के दौरान यहूदी विद्रोहियों के लिए छिपने की जगह के रूप में किया गया था। यह गुफा बहुत गहरी है. इसलिए ऐसा माना जाता है कि इसका संबंध मृत्यु लोक से है। और इसी वजह से यहां तांत्रिक क्रियाएं की जाती रही हैं।
चट्टानों की दरारों में छिपा हुआ राज़ 
1690271086 necromancy cult
पुरातत्वविद येरुशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय के गुफा अनुसंधान केंद्र के सहयोग से इस गुफा की खुदाई कर रहे हैं। उन्हें कई अप्रत्याशित चीज़ें मिलती हैं. उन्होंने कई दिलचस्प वस्तुएं दिखाईं, जिनमें तीन मानव खोपड़ी के टुकड़े, 120 तेल के दीपक, प्राचीन मिट्टी के बर्तन और तेल के दीपक से लगभग 2,000 साल पहले के कांस्य युग के हथियार शामिल थे। वे व्यवस्थित रूप से चट्टानों की दरारों में छिपे हुए थे। बार इलान यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद् और इस अध्ययन के सह-लेखक डॉ. बोअज़ जिस्सू ने कहा कि जब नए बुतपरस्त लोगों की आबादी यहां रहने आई तो नेक्रोमेंसी की प्रथा भी शुरू हो गई। हाल की खुदाई में वहां किए जाने वाले प्राचीन अनुष्ठानों के बारे में दिलचस्प जानकारी मिली है।
गुफा में हुआ नेक्रोमेंसी समारोह 
1690271106 media.zenfs
शोधकर्ताओं के अनुसार, रोमन काल के दौरान गुफा में नेक्रोमेंसी समारोह होते थे। यहां देवताओं का आह्वान किया गया। लेकिन बार कोखबा विद्रोह के पतन के बाद इस पूरे क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन आया। पहले यह एक यहूदी इलाका था. लेकिन बाद में रोमन साम्राज्य ने यहां के अधिकांश यहूदी लोगों को या तो नष्ट कर दिया या विस्थापित कर दिया। ऐसा माना जाता है कि ये अनुष्ठान उन्हीं के द्वारा किया गया है। 

जादू-टोना करने के लिए तेल के लैंप, चीनी मिट्टी और कांच के कटोरे और बर्तन, कुल्हाड़ी और खंजर का उपयोग किया जाता था। इसीलिए इस दुर्गम गुफा को मृत आत्माओं से संपर्क का द्वार माना जाता था। यहां के लोगों का मकसद भविष्यवाणी करना और मृत आत्माओं को जगाना था। शोधकर्ताओं ने जादुई प्रथाओं की पहचान करने की कोशिश की, लेकिन यह इतना आसान नहीं था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।