भारत हर एक दिन के साथ आगे बढ़ रहा हैं, अब हाल ही में भारत नें एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की हैं। जिसमें भारत को इंटरनेशनल एग्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर की एक बड़ी सौगात मिली हैं। अब भारत के नाम एक और बड़ी उपलब्धि हासिल होने वाली हैॆ। दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम अब भारत में बनने वाला हैं। इसका नाम युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय रखा जाएगा। आइए हम आपको इस दुनिया के सबसे बड़ा संग्रहालय के बारें में कुछ बात बताते हैं।
क्या होगा खास
इस संग्रहालय में आठ विषयगत खंड होंगे जो 5,000 वर्षों से अधिक समय से फैले भारत की कहानी बताएंगे। बताया गया कि देश की राजधानी के मध्य में उत्तर और दक्षिण ब्लॉक में स्थित नया संग्रहालय 1.17 लाख वर्गमीटर के क्षेत्र को कवर करेगा, जिसमें 950 कमरे एक बेसमेंट और तीन मंजिलों में फैले होंगे।
पीएम मोदी ने किया था लॉन्च
18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां प्रगति मैदान में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का उद्घाटन करने के बाद इस दुनिया के सबसे बड़े म्यूजियम का वर्चुअल वॉकथ्रू लॉन्च किया था। बुधवार शाम को, मोदी ने लगभग 123 एकड़ के परिसर क्षेत्र के साथ लगभग 2,700 करोड़ रुपये की लागत से विकसित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-कन्वेंशन सेंटर (IECC) परिसर का उद्घाटन किया। जिसका नाम भारत मंडपम हैं।
युगे-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय की घोषणा
उद्घाटन समारोह में पीएस मोदी ने युगे-युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय की भी घोषणा की। अधिकारियों ने कहा कि संग्रहालय में “आठ विषयगत खंड” होंगे और 5,000 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही भारत की समृद्ध सभ्यता संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा।
खंडों में मोटे तौर पर प्राचीन भारतीय ज्ञान, प्राचीन से मध्यकालीन, मध्यकालीन, मध्यकालीन से संक्रमण चरण, आधुनिक भारत, औपनिवेशिक शासन (जब डच, ब्रिटिश, पुर्तगाली और अन्य लोग भारत आए), स्वतंत्रता संग्राम और 100 वर्ष शामिल हैं।
राष्ट्रीय संग्रहालय भी होगी शिफ्ट
बताया गया कि यहां जनपथ पर स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय की प्राचीन कलाकृतियों और दुसरे संग्रहालय के चीजों को भी इस परियोजना के हिस्से के रूप में उत्तर और दक्षिण ब्लॉक की इमारतों में भेजा जाएगा। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि वर्तमान राष्ट्रीय संग्रहालय भवन कर्तव्य पथ का हिस्सा बन जाएगा।