साइंस ने आज इतनी तरक्की कर ली हैं कि ये वाकई आज लोगो के लिए एक जीवन दान बन चूका हैं। सालो पहले जो इलाज तो चीज़ हमारी सोच के भी परे थी आज वो सब संभव हमारी आँखों के सामने नज़र आती हैं। लोगो को जहा पहले अच्छा इलाज न मिल पाने की वजह से अपनी जान से हाथ धो बैठना पड़ता था आज वही लोगो अपनी जान बचा पाते हैं।
आप सभी ने अंगों के ट्रांसप्लांट के बारे में तो सुना ही है। जब कोई शरीर का अंग काम करना बंद कर देता हैं तो उसे ट्रांसप्लांट करके नया लगाया जाता हैं जिससे इंसान का शरीर सकारू रूप से कार्य कर सके। सिर्फ दिल प्रत्यारोपण में ही लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं. घंटों की मशक्कत के बाद पेशेवर डॉक्टरों की टीम इस प्रक्रिया को पूरी करती है जिसके अलावा अब तक शरीर के पूरे 2 अंगों को एक साथ ट्रांसप्लांट की कई खबरें सामने आ चुकी हैं, लेकिन अब आपको एक और चौकाने वाली खबर सुनने मिलेगी अमेरिका में डॉक्टरों ने सर्जेरी के दौरान चमत्कार कर दिखाया। उन्होंने एक ही शख्स के हार्ट, लिवर और किडनी एक साथ बदल दिए। सोचिये 3 ऐसे वो अंग जो हमारे शरीर के लिए ज़रूरी ही नहीं बेहद ज़रूरी हैं उन्हें ही एक साथ बदल डाला।
ये खबर सामने आई हैं कैलिफोर्निया से जहा डॉक्टरों ने यह अजूबा कर दिखाया। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, वैलेंस सैम्स सीनियर नाम के एक शख्स को सारकॉइडोसिस नाम की बीमारी थी, जिसकी वजह से उनको कई सारी दिक्कतें होने लगीं जैसे बात करे तो- निद्रा, थकान, एनर्जी की कमी, वजन अचानक घटना, गठिया और घुटनों में सूजन जैसी समस्याओ ने उन्हें एक साथ घेर लिया। हार्ट समेत कई अंगों पर इसका सीधा असर हुआ। जिसके बाद भी कई वर्षों तक इलाज चला और लेकिन अंत में उनके हार्ट, लिवर और किडनी में दिक्कतें सामने आईं। डॉक्टरों ने एक के बाद एक तीनों के ट्रांसप्लांट की बात कही और कर भी दिया ही।
दवाओं पर जी रहा था मरीज़
सैम्स के किडनी सर्जन डॉ. जस्टिन स्टेगेर्डा ने कहा, “इस साल की शुरुआत में पता चला कि उनके अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. तब से वे दवाओं पर ही निर्भर थे. उनका बेटा दिनरात पिता की सेवा में लगा हुआ था. वह एक नर्स की तरह लगा रहा. आखिरकार डॉक्टरों की टीम ने तय किया कि अलग अलग अंगों का प्रत्यारोपण संभव नहीं. तो एक बार तीनों अंगों का एक साथ प्रत्यारोपण करके देखते हैं. हमारे लिए यह बहुत मुश्किल समय था. इसके अलावा और कोई चारा नहीं था क्योंकि सैम्स की तबीयत लगातार खराब होती जा रही थी.”
इसमें कोई शक नहीं के ये था एक मुश्किल पढ़ाव
सीडर्स-सिनाई ट्रांसप्लांट सेंटर के निदेशक आइरीन किम ने बताया, “अगर दिल ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा तो यह लिवर में कंजेस्टिव हेपेटोपैथी का कारण बन सकता है. इससे लिवर को स्थायी नुकसान होता है और फिर यह किडनी पर भी तनाव पैदा कर सकता है. सैम्स के साथ भी ठीक कुछ ऐसा ही हुआ था. आखिरकार हमने मिलकर तय किया कि एक साथ तीनों अंगों का ट्रांसप्लांट करेंगे. 15 डॉक्टरों की टीम ने 20 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद हम सफल रहे. यह एक दुर्लभ ऑपरेशन था. इस ऑपरेशन में कई विभागों के डॉक्टर शामिल थे.”