देशभर में कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। इस बीच, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी कोष के लगातार बाहर जाने से रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 33 पैसे टूटकर 75.91 के स्तर पर बंद हुआ। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और राजकोषीय प्रोत्साहन को लेकर स्पष्टता नहीं होने से निवेशकों की भावनाएं कमजोर हुईं।
इसके अलावा बाजार भागीदारों ने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाने से आर्थिक सुधार प्रभावित हो सकता है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय मुद्रा गिरावट के साथ प्रति डॉलर 75.85 पर खुली और 75.91 पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 33 पैसे कम है। शुक्रवार को डॉलर 75.58 रुपये पर बंद हुआ था।
सरकार ने रविवार को कोरोना वायरस लॉकडाउन को दो और हफ्तों के लिए बढ़ा दिया। रिलायंस सिक्योरिटीज ने एक शोध टिप्पणी में कहा कि कुछ प्रतिबंधों में ढील दी गई है, लेकिन लॉकडाउन का विस्तार मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक परिदृश्य को और खराब कर सकता है। एल के पी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार से विदेशी कोषों के बाहर जाने और तेल कीमतों में बढ़ोतरी के चलते रुपये में गिरावट हुई।