नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। वाजपेयी को रुटीन चेकअप के लिए एम्स लाया गया है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में इस बाबत जानकारी दी गई है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि डॉक्टरों ने कुछ जांच के लिए उन्हें एम्स लाने की सलाह दी थी, जिसके बाद उन्हें यहां एडमिट कराया गया। बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत पिछले काफी समय से खराब है, जिसके कारण वह अपने घर में ही थे। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों की सलाह के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया। उनका चेकअप एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलरिया की देखरेख में होगा।
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उन्हें देखने एम्स पहुंच गए हैं। हालांकि डॉक्टरों ने पहले ही कह दिया है कि किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं है। राहुल गांधी के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी वाजपेयी को देखने अस्पताल पहुंचे। उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मौजूद थे। वाजपेयी से मिलने पहुंचने पीएम मोदी।
उन्होंने डॉक्टरों से वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल की। पौन घंटे से अधिक देर तक रुकने के बाद मोदी रात साढ़े आठ बजे के करीब एम्स से निकल गए। मोदी के बाद भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी एम्स पहुंचे। अब खबर है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी एम्स पहुंचने वाले हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले डॉक्टर रूटीन चेकअप घर पर ही होता था, लेकिन इस बार उन्हें अस्पताल ही ले जाया गया है। एम्स की ओर से जारी बयान के मुताबिक वाजपेयी को नियमित जांच और परीक्षण के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। उनकी हालत स्थिर है। एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया की देख-रेख में डाक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है।
इससे पहले वाजपेयी को 2007 के अगस्त महीने में एम्स में भर्ती कराया गया था। उसके बाद फरवरी 2009 में उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। उस वक्त उनके सीने में इंफेक्शन बताया गया था। उन्हें तब बुखार भी था। उसके बाद साल 2010 में भी उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। फरवरी 2009 में जब सीने में इंफेक्शन के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था तब वो काफी लंबे वक्त तक भर्ती रहे थे। बीजेपी की तरफ से जानकारी दी गई है कि चिंता की कोई बात नहीं है। उन्हें केवल रूटीन चेकअप के लिए एम्स ले जाया गया है।
मालूम हो कि 93 वर्षीय अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया नाम की बीमारी से जूझ रहे थे। वे 2009 से व्हीलचेयर पर हैं। कुछ समय पहले ही भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था। आपको याद दिलाते हैं कि वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। वह बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं। 25 दिसम्बर, 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था। 94 साल के अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी को स्थापित करने वाले नेताओं में शुमार हैं, वो दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं। वे हिन्दी के कवि भी हैं।
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