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जीत के प्रति आश्वस्त नहीं होने पर भाजपा राजनीतिक विमर्श को सांप्रदायिक रंग देती है: शरद पवार

पुणे जिले की कस्बा पेठ और चिंचवाड़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी जब जीत को लेकर आश्वस्त नहीं होती है तो वह राजनीतिक विमर्श को सांप्रदायिक रंग दे देती है।

पुणे जिले की कस्बा पेठ और चिंचवाड़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जब जीत को लेकर आश्वस्त नहीं होती है तो वह राजनीतिक विमर्श को सांप्रदायिक रंग दे देती है। राकांपा के वरिष्ठ नेता ने पत्रकारों से कहा कि जीत का भरोसा नहीं होने पर भाजपा के लिए सांप्रदायिक मुद्दों की ओर ध्यान भटकाना कोई नयी बात नहीं है। भाजपा विधायकों मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के निधन के बाद कस्बा पेठ और चिंचवाड़ निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव जरूरी हो गए थे। 
दोनों क्षेत्रों में उपचुनाव 26 फरवरी को होंगे। कस्बा पेठ में कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर का मुकाबला भाजपा के हेमंत रासने से है, जबकि चिंचवाड़ में राकांपा के नाना काटे का भाजपा के अश्विनी जगताप से सामना होगा। धंगेकर और काटे को महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का समर्थन प्राप्त है, जिसमें उद्धव ठाकरे खेमा, कांग्रेस और राकांपा शामिल हैं। पवार ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे-भाजपा का सत्तारूढ़ गठबंधन उपचुनावों के लिए भारी पैसा खर्च कर रहा है। भाजपा नेताओं की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर कि वह भाजपा के साथ गठबंधन चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस को नहीं देखना चाहते थे, पवार ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि भाजपा में हर कोई पसंद करने योग्य है। मुझे नहीं लगता कि वे मुझे अपने गठबंधन में चाहते हैं। इसलिए भाजपा नेताओं द्वारा मेरे बारे में दिए जा रहे सभी बयान बचकाने हैं।’’
राकांपा प्रमुख ने कहा कि 2019 में अजित पवार और फडणवीस की अल्पकालिक सरकार में उनकी भूमिका के बारे में दावे सरकार द्वारा ध्यान हटाने की कोशिश है क्योंकि उसके पास ‘‘विकास के मामले में दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है।’’उपचुनावों के लिए अपनी पार्टी के प्रचार अभियान के दौरान सांप्रदायिक बयान देने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पवार ने कहा, ‘‘मतदाताओं से अपील करने में क्या गलत है कि वे जहां हैं वहां से बाहर आएं और मतदान करें? यदि गैर-मतदाताओं को आने और मतदान करने के लिए कहा जाता तो आपत्ति जताई जा सकती थी। इस तरह के भाषण पर आपत्ति जताना इसे सांप्रदायिक रंग देने जैसा है।’’ दोनों सीट पर उपचुनाव की मतगणना दो मार्च को होगी।

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