नई दिल्ली : शिखर धवन और रोहित शर्मा की रिकार्ड साझेदारी से रखी गयी ठोस नींव को गेंदबाजों ने पूरी मजबूती दी जिससे भारत ने नेहरामय बने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में आज यहां न्यूजीलैंड को पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 53 रन से हराकर दिग्गज तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को जीत के साथ शानदार विदाई दी।
भारत की यह न्यूजीलैंड के खिलाफ खेल के सबसे छोटे प्रारूप में पहली जीत भी है। इससे पहले इन दोनों टीमों के बीच खेले गये सभी पांच मैच कीवी टीम ने जीते थे। भारत अब तीन मैचों की श्रृंखला में।0 से आगे हो गया है। अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे धवन ने 52 गेंदों पर नौ चौकों और दो छक्कों की मदद से 80 रन बनाये जबकि रोहित ने 55 गेंदों पर 80 रन की पारी खेली जिसमें चार छक्के और छह चौके शामिल हैं। इन दोनों ने पहले विकेट के लिये 158 रन जोड़ जो भारत की तरफ से किसी भी विकेट के लिये सर्वश्रेष्ठ साझेदारी है।
विराट कोहली ने 11 गेंदों पर नाबाद 26 रन बनाये। इससे पहले बल्लेबाजी का न्यौता पा ने वाले भारत ने तीन विकेट पर 202 का विशाल स्कोर खड़ किया। इसके जवाब में विश्व की नंबर एक टी20 टीम न्यूजीलैंड आठ विकेट पर 149 रन ही बना पायी। उसकी तरफ से टाम लैथम (39), कप्तान केन विलियमसन (28) और मिशेल सैंटनर (नाबाद 27) ही बीस रन के पार पहुंच पाये। भारत के लिये अक्षर पटेल ने 20 रन देकर दो, युजवेंद, चहल ने 26 रन देकर दो जबकि भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या ने एक एक विकेट लिया।
नेहरा ने चार ओवर किये और 29 रन दिये लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला। भारत की जीत के बाद टीम के सदस्यों ने नेहरा को कंधे पर उठाकर मैदान का चक्कर भी लगाया। जब न्यूजीलैंड की पारी की शुरूआत हुई तो सभी की निगाहें नेहरा पर टिकी थी जो अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे थे। उन्होंने गेंदबाजी का आगाज किया और दर्शकों ने पूरे जोशो खरोश के साथ उनकी हौसलाअफजाई की। पिच से स्पिनरों को टर्न मिल रहा है और इसलिए कोहली ने नेहरा के साथ युजवेंद, चहल को गेंद सौंपी जिनकी गेंद पर पंड्या ने मार्टिन गुप्टिल (चार) का बेहतरीन कैच लपका।
आशीष नेहरा छोर से गेंदबाजी कर रहे नेहरा जल्द ही कोलिन मुनरो को भी पवेलियन भेज देते लेकिन इस बार पीछे दौड़ लगाने के बावजूद पंड्या कैच नहीं ले पाये। नेहरा अपने विदाई मैच में विकेट लेने से उस समय भी चूक गये जब कोहली अच्छे प्रयास के बावजूद एक हाथ से विलियमसन का कैच नहीं ले पाये। नेहरा उस समय छोर बदलकर गेंदबाजी कर रहे थे। दर्शकों की करतल ध्वनि के बीच नेहरा पारी का आखिरी ओवर करने भी आये लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला।
भावनाओं का ज्वार चरम पर था और इस बीच एक दर्शक सुरक्षा घेरा तोड़कर नेहरा से मिलने पहुंचा और उसने इस गेंदबाज के पांव छुए। आखिर में उन्होंने भारत की तरफ से टी20 में सर्वाधिक विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज के रूप में विदाई ली। इस बीच भुवनेश्वर कुमार ने यार्कर पर मुनरो (सात) की गिल्लियां बिखेरी जबकि पंड्या ने अपनी पहली गेंद पर विलियमसन को महेंद, सिंह धोनी के हाथों कैच कराया। पहले दस ओवर के बाद स्कोर तीन विकेट पर 65 रन था और रन रेट लगभग 14 रन प्रति ओवर पहुंच गया था। टाम ब्रूस (दस) और कोलिन डि ग्रैंडहोम ने इसी दबाव में अक्षर पटेल के एक ओवर में दो गेंद हवा में लहराकर पवेलियन की राह पकड़। धोनी ने चहल की गेंद पर लैथम को स्टंप आउट करके भारत की बड़ जीत सुनिश्चित की।
इससे पहले धवन और रोहित ने भारत को जबर्दस्त शुरूआत दिलायी हालांकि भाज्ञ ने उनका पूरा साथ दिया। धवन जब आठ रन पर थे तब ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर मिशेल सैंटनर ने उनका आसान कैच टपकाया। इसके बाद रोहित को 17 रन के निजी योग जीवनदान मिला। तब दूसरे बदलाव के रूप में आये कोलिन डि ग्रैंडहोम की गेंद पर साउथी हाथ में आया कैच नहीं ले पाये थे। इस बीच धवन ने अपने कट और ड्राइव से कुछ अच्छे शाट लगाये जबकि रोहित ने खाली स्थानों से गेंद बाहर निकाली। ऐसे ही एक अवसर पर उन्होंने अपर कट से साउथी की गेंद छह रन के लिये भेजी और फिर कोलिन मुनरो के सिर के रूपर से गगनदायी छक्का लगाया। इससे वह टी20 मैचों में सर्वाधिक छक्के लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज भी बने। रोहित ने सुरेश रैना (265 छक्के) का रिकार्ड तोड़।
जब ये दोनों अपनी पूरी लय में आ गये तो फिर कोटला में समां बंध गया। दर्शक उत्साह से लबरेज थे। धवन ने 37 गेंदों पर टी20 में अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया और फिर ईश सोढ़ की गुगली को डीप मिडविकेट पर छह रन के लिये भेजकर टीम का स्कोर तिहरे अंक में पहुंचाया। धवन ने अगली गेंद पर चौका जड़कर टी20 अंतरराष्ट्रीय में अपना पिछला सर्वश्रेष्ठ स्कोर पीछे छोड़। विलियमसन के पास इन दोनों का कोई जवाब नहीं था। उन्होंने साउथी को वापस गेंदबाजी के लिये बुलाया जिनकी शार्ट पिच गेंद पर धवन के पास पुल करके छक्का जड़ने का पर्याप्त मौका था। रोहित ने छक्के से अपना 12वां अर्धशतक पूरा किया और फिर सेंटनर की अगली दो गेंदों पर चौके जड़कर भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ साझेदारी का पिछला रिकार्ड तोड़।
पहले यह रिकार्ड रोहित और विराट कोहली के नाम पर था जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 में धर्मशाला में दूसरे विकेट के लिये 138 रन जोड़ थे। यह साझेदारी आखिर में सोढ़ ने तोड़ जिनकी गुगली पर धवन चूक गये और स्टंप आउट होकर पवेलियन लौटे। पंड्या को तीसरे नंबर पर उतारा गया लेकिन वह भी अगली गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे। लेकिन कोटला तो अपने प्रिय कोहली को देखने के लिये बेताब था और भारतीय कप्तान ने भी ग्रैंडहोम, बोल्ट और साउथी पर छक्के जड़कर उन्हें निराश नहीं किया। यह अलग बात है कि जब वह आठ रन पर थे तब कीवियों ने उन्हें भी जीवनदान दिया था। रोहित आखिरी ओवर में नाटकीय तरीके से आउट हुए क्योंकि न्यूजीलैंड के रेफरल पर टीवी अंपायर अनिल चौधरी ने उन्हें पहले नाटआउट दिया लेकिन बाद में उन्होंने अपनी गलती में सुधार कर दिया। कोहली के आने के बाद भारत ने केवल 20 गेंदों पर 44 जुटाये। महेंद, सिंह धोनी सात रन बनाकर नाबाद रहे। भारतीय टीम ने पहली बार न्यूजीलैंड के खिलाफ 200 से अधिक का स्कोर बनाया। कीवी टीम की तरफ से लेग स्पिनर ईश सोढी सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 25 रन देकर दो विकेट लिये।
भारत: विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, श्रेयस अय्यर, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल, यजुवेंद्र चहल, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, आशीष नेहरा.
न्यूजीलैंड: केन विलियमसन (कप्तान), मिशेल सैंटनर, ईश सोढ़ी, टिम साउदी, ट्रेंट बोल्ट, टॉम ब्रूस, कोलिन डी ग्रैंडहोम, मार्टिन गप्टिल, टॉम लाथम, हेनरी निकोलस, कोलिन मुनरो.