भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह ने कुछ महीने पहले ही इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया है। युवराज सिंह का नाम क्रिकेट जगत के दिग्गज क्रिकेटरों में नाम लिया जाता है। युवराज सिंह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को हराकर वापस भारतीय टीम में लौटे थे।
विश्व कप 2011 में भारत 28 साल बाद चैंपियन बना था और भारतीय टीम की उस जीत में युवराज सिंह ने अहम योगदान दिया था। विश्व कप खत्म होने के बाद यह पता चला था कि युवराज सिंह कैंसर से ग्रस्ति हैं। युवराज सिंह अमेरिका इलाज करवाने गए और वहां से कैंसर को हराकर शान से भारतीय टीम में वापसी की।
युवराज सिंह ने कहा है कि भारतीय टीम में उन्हें यो-यो टेस्ट पास करने के बाद भी शामिल नहीं किया गया था। इतना ही नहीं घरेलू क्रिकेट में उन्हें शानदार प्रदर्शन करने के लिए भी कहा था।
टी20 क्रिकेट में युवराज सिंह ने एक ओवर में लगातार छह छक्के जड़े थे और आज तक भी यह रिकॉर्ड युवी के नाम पर ही है। टी20 विश्व कप 2007 में युवी ने इंग्लैंड के खिलाफ यह कारनामा किया था। युवराज की ही तरह भारतीय टीम के दिग्गज क्रिकेटर्स वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया गया था जिसपर युवी ने नाराजगी जताई है।
युवराज सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया है कि, मुझे चोट लग गई थी और साथ ही श्रीलंका सीरीज के खिलाफ मुझे तैयारी करने के लिए भी बोला गया था। इसी दौरान भारतीय क्रिकेट में यो-यो टेस्ट अया था। इसी बीच मेरे चयन को लेकर यू-टर्न ले लिया गया।
युवराज सिंह ने आगे बताया, मुझे यो-यो टेस्ट के लिए 36 साल की उम्र में खुद ही तैयारी करनी पड़ी। इतना ही नहीं यो-यो टेस्ट मेरा क्लियर हो गया था उसके बाद भी मुझे घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए कहा गया। युवराज ने कहा कि जो भी यो-यो टेस्ट के बाद हुआ वह सब एक पहेली की ही तरह था।
युवराज ने कहा, मुझे ऐसा लगा रहा था कि शायद मैं यो-यो टेस्ट अपनी उम्र की वजह से नहीं पास कर पाऊंगा और वह आसानी से मुझे बाहर कर देंगे। आप ऐसा कह सकते हैं कि यह बहाने बनाने की एक कवायद थी। युवराज सिंह ने अपने क्रिकेट कैरियर में 40 टेस्ट खेलते हुए 1900 रन और 9 विकेट लिए हैं।
वहीं 304 वनडे मैच खेलते हुए उन्होंने 8702 रन बनाए साथ ही 111 विकेट भी लिए। इसके अलावा युवी ने वनडे में 14 शतक भी जड़े हैं। टी20 क्रिकेट में युवराज सिंह ने 58 मैचों में 1177 रन और 28 विकेट चटकाए हैं।