बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को अचानक सचिवालय का निरीक्षण करने पहुंच गए। इस दौरान कई अधिकारी और कर्मचारी गायब मिले। उन्होंने कहा कि अब वे यहां आते रहेंगे। महिला आरक्षण को लेकर साफ शब्दों में कहा कि महिलाओं को आरक्षण मिलना ही चाहिए। उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर भी सवाल उठाए।
पटना में जब पत्रकारों ने उनसे महिला आरक्षण को लेकर सवाल किया तब उन्होंने कहा कि इसके लिए तो हम शुरू से मांग करते रहे हैं। जब हम संसद में थे, तब भी बोलते थे। नीतीश ने कहा कि लेकिन ये लोग लागू करेंगे नहीं। इनको जो करना था, लागू हो जाना चाहिए था 2021 में। हर 10 साल पर जनगणना होती थी। वो हो नहीं रही है। हमलोगों ने मांग रखी है, यह सबकी मांग है, लेकिन हो नहीं रहा है।
#WATCH हम शुरू से महिला आरक्षण बिल की मांग कर रहे हैं। इसके साथ हमने और भी मांग की थी लेकिन वह नहीं हुआ। हर दस साल में(जनगणना) हो जानी चाहिए थी जो नहीं हुई… हमने महिलाओं के हित में सबसे पहले काम किया… महिला भर्ती, स्कूल सहित अन्य क्षेत्र में महिलाओं के हित में काम किया।… pic.twitter.com/ACvfcQ4GcC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2023
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा काम हुआ है। सबसे पहले 50 फीसदी आरक्षण हमने ही दिया था। 2006 में पंचायतों का और 2007 में नगर निकायों का, उसके बाद हमने कितने लोगों की बहाली शुरू की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए पांचवें क्लास तक की बहाली हो रही थी तो हमने लड़कियों के लिए 50 फीसदी आरक्षण कर दिया था। ऐसा पहले कहीं था? बाद में हम लोगों ने सब जगह बहाली में 35 फीसदी सरकारी बहाली में कर दिया। नीतीश ने दावा करते हुए कहा कि पुलिस में भी 35 फीसदी आरक्षण किया। आज पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, उतनी देश में कहीं हैं?