केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने स्पेन में पालक माता-पिता (फोस्टर पैरेंट्स) द्वारा 13 वर्षीय भारतीय लड़की को अकेले छोड़े जाने के मामले पर मैड्रिड में भारतीय राजदूत से कहा है कि वह बच्ची को स्वदेश वापस भेजने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में भोपाल के संबंधित बालगृह की तरफ से हुई ‘खामियों’ को लेकर जिम्मेदारी तय की जा रही है और भारत वापसी के बाद इस बच्ची का पुनर्वास सुनिश्चित किया जाएगा।
मैड्रिड में भारत के राजदूत डी बी वैंकटेश वर्मा को लिखे पत्र में मंत्री ने कहा, ‘‘जैसा कि आप इससे अवगत होंगे कि भोपाल के एक बालगृह से स्पेनिश दंपति ने बच्ची को गोद लिया था। कुछ वजहों से इस दंपति ने बच्ची को स्पेन में अकेला छोड़ दिया। हम भोपाल के बालगृह की तरफ से हुई खामियों को लेकर जिम्मेदारी तय कर रहे हैं। मैं बच्ची की स्थिति को लेकर चिंतित हूं जो फिलहाल मैड्रिड के एक संरक्षण गृह में है।’’
मेनका ने ट्रांसजेंडरों के लिए ‘अन्य लोग’ शब्द इस्तेमाल करने पर मांगी माफी
उन्होंने कहा, ‘‘यह भी समझती हूं कि कारा : केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन अधिकरण : आपके साथ संपर्क में है। यह पता कर लिया गया है कि बच्ची भारत वापस लौटना चाहती है। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि आप लड़की से तत्काल संपर्क करें और उसे भारत वापस भेजने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाएं। हम उसे स्थानीय एजेंसी के देखभाल और संरक्षण में रखेंगे। ’’
इससे पहले मेनका ने इससे जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि गोद ली हुई बच्ची को स्पेन में अकेला छोड़ दिया गया। मैंने स्पेन में भारत के राजदूत डी बी वैंकटेश वर्मा से आग्रह किया है कि वह बच्ची को तत्काल भारत भेजें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम बच्ची का पुनर्वास और सुरक्षित कस्टडी सुनिश्चित करेंगे।’’
दरअसल, स्पेन के एक दंपति ने भारतीय बच्ची को गोद लिया था और बाद में उसे अकेला छोड़ दिया। फिलहाल यह बच्ची मैड्रिड के एक संरक्षण गृह में है।