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विक्रम मिसरी बने नए उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, भारतीय राजदूत के रूप में कर चुके हैं सेवा

चीन मामलों के विशेषज्ञ और पूर्व राजदूत विक्रम मिसरी को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है। मीड़िया रिपोर्ट के मुताबिक, 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रहे मिसरी पंकज सरण की जगह लेंगे,

चीन मामलों के विशेषज्ञ और पूर्व राजदूत विक्रम मिसरी  को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है। मीड़िया रिपोर्ट के मुताबिक, 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रहे मिसरी पंकज सरण की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है। चीन में भारतीय राजदूत के रूप में मिसरी के तीन साल का कार्यकाल इसी महीने खत्म हुआ था।
मिसरी इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम कर चुके हैं और वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीतिक परिस्थितियों को लेकर काफी अनुभवी हैं। वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगे। फिलहाल दो और डिप्टी एनएसए राजेंद्र खन्ना और दत्ता पंडसालगिकर हैं।
चीन में भारतीय राजदूत के रूप में अपना कार्यकाल खत्म होने पर मिसरी ने कहा था कि दोनों देश मौजूदा समस्याओं का हल करने और आपसी संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे ले जाने में सक्षम होंगे। भारतीय दूतावास ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि राजदूत ने उम्मीद जताई कि सभी स्तरों पर- राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य- लगातार संवाद के जरिए दोनों पक्ष मौजूदा कठिनाइयों को हल करने और संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे ले जाने में सक्षम होंगे।
चुनौतियों के कारण द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ा असर- मिसरी
उन्होंने अपनी विदाई के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी से ऑनलाइन मीटिंग की थी और कहा था कि कुछ चुनौतियों के कारण पिछले साल द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक अवसरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। वांग से बातचीत के दौरान मिसरी ने पूर्वी लद्दाख के गतिरोध का हवाला देते हुए कहा, ”हमारे संबंधों में अवसर और चुनौतियां दोनों शामिल थे, हालांकि, पिछले साल से जारी कुछ चुनौतियां रिश्ते में प्रमुख अवसरों पर हावी रहीं।”
चीन में नए राजदूत के रूप में नियुक्त किए गए प्रदीप कुमार रावत भारतीय विदेश सेवा के 1990 बैच के अधिकारी हैं। इससे पहले वे नीदरलैंड में भारत के राजदूत थे। विदेश मंत्रालय ने बताया था कि वह धाराप्रवाह चीनी भाषा बोलते हैं। उन्होंने 2014 से 2017 तक दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय के पूर्व एशिया संभाग में संयुक्त सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं।

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