अमेरिका के विशेष जलवायु दूत जॉन केरी और उनके चीनी समकक्ष शिए झेनहुआ के बीच हुए बैठक रंग लाई है। दुनिया के सबसे बड़े कार्बन प्रदूषकों अमेरिका एवं चीन ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई है।
ग्रीनहाउस गैसों के दुनिया के दो सबसे बड़े उत्पादकों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि वे जलवायु परिवर्तन को कम करने में सहयोग करेंगे।
शंघाई में गुरुवार से शुक्रवार तक इस संबंध में वार्ता हुई थी।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि अमेरिका और चीन जलवायु संकट से निपटने के लिए एक-दूसरे और अन्य देशों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस संकट से गंभीरता से और तत्काल निपटा जाना चाहिए।
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों की ओर से अपने संबंधित कार्यों को बढ़ाने और बहुपक्षीय प्रक्रियाओं में सहयोग करना शामिल है, जिसमें जलवायु परिवर्तन में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन और पेरिस समझौता शामिल है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों देशों ने अपने नेतृत्व और सहयोग के माध्यम से पेरिस समझौते के विकास, एडोप्ट, हस्ताक्षर और पेरिस समझौते को लेकर उनके ऐतिहासिक योगदान को भी याद किया।
दोनों देशों के बीच ऐसे समय पर यह सहमति बनी है, जब कुछ ही दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के लिए विश्व के नेताओं के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। बाइडेन ने 22 और 23 अप्रैल को आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत दुनिया के 40 नेताओं को आमंत्रित किया है।
पूर्व विदेश मंत्री केरी ने पिछले सप्ताह चीन का दौरा किया था। बाइडेन के जनवरी में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से किसी उच्च स्तरीय अमेरिकी अधिकारी की यह पहली चीन यात्रा है।