ग्लासगो से पीएम मोदी ने बताया- वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड क्यो हैं दुनिया के लिए जरूरी ? - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

ग्लासगो से पीएम मोदी ने बताया- वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड क्यो हैं दुनिया के लिए जरूरी ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो में अपने संबोधन में कहा कि हमने प्राकृतिक संतुलन को नुकसान पहुंचाया है। तकनीक ने हमें बेहतर अवसर दिया है। लेकिन मानवता को बचाने के लिए हमें सूर्य के साथ चलना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो में अपने संबोधन में कहा कि हमने प्राकृतिक संतुलन को नुकसान पहुंचाया है। तकनीक ने हमें बेहतर अवसर दिया है। लेकिन मानवता को बचाने के लिए हमें सूर्य के साथ चलना होगा। प्रधानमंत्री ने वन सन, वन वर्ल्ड और वन ग्रिड को दुनिया के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा पूरी तरह से स्वच्छ और टिकाऊ है। चुनौती यह है कि यह ऊर्जा केवल दिन के समय उपलब्ध होती है और मौसम पर निर्भर करती है। ऐसे में एक दुनिया, एक सूर्य, एक ग्रिड, सिर्फ दिन में सौर ऊर्जा उपलब्धता की चुनौती से निपट सकता है। यह सौर ऊर्जा की व्यवहार्यता को बेहतर बना सकता है।
उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी ग्रिड के माध्यम से, स्वच्छ ऊर्जा को कहीं भी और कभी भी संचारित किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने सूर्योपनिषद का हवाला देते हुए कहा: हर चीज सूर्य से पैदा हुई है, सूर्य ऊर्जा का एकमात्र स्रोत है और सौर ऊर्जा सबका ख्याल रख सकती है। उन्होंने बताया, इसरो जल्द ही दुनिया को एक सौर ऊर्जा कैलकुलेटर प्रदान करेगा, जो दुनियाभर में किसी भी क्षेत्र की सौर ऊर्जा क्षमता को माप सकता है। यह एप्लिकेशन सौर परियोजनाओं का स्थान तय करने में उपयोगी होगा और ‘एक सूर्य, एक दुनिया और एक ग्रिड’ को मजबूत करेगी।
जीवाश्म ईंधन से पैदा हुआ तनाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जीवाश्म ईंधन ने औद्योगिक क्रांति के दौरान कई देशों को अमीर बनने के लिए प्रेरित किया, लेकिन इसने हमारी धरती, हमारे पर्यावरण को खराब कर दिया हैॉ। जीवाश्म ईंधन को इकट्ठा करने की दौड़ ने भू-राजनीतिक तनाव पैदा किया, लेकिन तकनीकी प्रगति ने आज सौर ऊर्जा के रूप में बहुत अच्छा विकल्प दिया है। मुझे उम्मीद है कि ‘एक सूर्य, एक दुनिया, एक ग्रिड’ और ‘ग्रीन ग्रिड’ पहल के बीच सहयोग से एक साझा और मजबूत वैश्विक ग्रिड विकसित किया जा सकता है। यह रचनात्मक पहल ना केवल कार्बन उत्सर्जन और ऊर्जा लागत को कम करेगी बल्कि विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच सहयोग के लिए एक नया रास्ता भी खोलेगी।
सम्मेलन में क्या संकल्प लिया?
पीएम मोदी ने सम्मेलन में संकल्प लिया कि 2030 तक भारत सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से अधिक ऊर्जा का उत्पादन करेगा। उन्होंने कहा, सबसे पहले, भारत अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाएगा… दूसरा, 2030 तक, हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से आएगा।’ इस सम्मेलन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन नेताओं में शामिल हैं, जो इस बात को बहुत अच्छे से समझते हैं कि जलवायु परिवर्तन से कैसे निपटना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

6 + eighteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।