नई दिल्ली : सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक ने ऐलान किया है कि वह अगले वर्ष क्रिप्टोकरंसी लिब्रा लांच कर देगा। माना जा रहा है कि अगले छह से 12 महीनों में लिब्रा की लॉन्चिंग हो जाएगी। लेकिन फेसबुक इसे भारत में लॉन्च नहीं करेगा। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि वर्तमान नियम ब्लॉकचेन मुद्रा लेनदेन के लिए बैंकिंग नेटवर्क के उपयोग की अनुमति नहीं देते हैं। व्यक्ति ने बताया, सामाजिक नेटवर्क के डिजिटल वॉलेट, कैलिब्रा, उन बाज़ारों में उपलब्ध नहीं होगा जहां “क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया गया है या फेसबुक को संचालन से प्रतिबंधित किया गया है”।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक दूसरे व्यक्ति ने बताया कि फेसबुक ने भारत में क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल के लिए रिजर्व बैंक के सामने कोई पत्र पेश नहीं किया है। कंपनी ने 2020 में पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी कैलिब्रा द्वारा क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने की योजना की घोषणा की। सोशल नेटवर्क ने 28 संगठनों के साथ भागीदारी की है – जिसमें वीज़ा, मास्टरकार्ड, पेयू और उबर शामिल हैं- जो इस वर्चुअल करंसी को स्वीकार करेंगे, जो व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर पर उपलब्ध होगा। उम्मीद की जा रही है लॉन्च के समय तक इसके 100 सदस्य हो जाएंगे।
लिब्रा, बिटकॉइन जैसी अन्य क्रिप्टोकरसंजी से बिल्कुल अलग होगी: फेसबुक का कहना है कि लिब्रा, बिटकॉइन जैसी अन्य क्रिप्टोकरसंजी से बिल्कुल अलग होगी क्योंकि इसका मूल्य अमेरिकी डॉलर, यूरो, येन एवं अन्य स्थापित मुद्राओं से समर्थित होगा। लिब्रा का मूल्य स्थिर रखने के लिए एक-एक कॉइन की खरीद को वास्तविक मुद्राओं में रखे गए रिजर्व फंड के मूल्य का समर्थन हासिल होगा। लिब्रा को लेकर फेसबुक को रेग्युलेटरों की तमाम आशंकाओं का भी जवाब देना होगा। दरअसल, रेग्युलेटरों को लग रहा है कि फेसबुक ने पहले से ही बहुत ताकत हासिल कर ली है।