राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बुधवार को (यानी आज) कहा कि मोदी सरकार को दूसरे राज्यों में फंसे उन प्रवासी मजदूर के मुद्दे को हल करने के लिए कोई फार्मूला लाना चाहिए जो अपने घर लौटना चाहते है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों में आक्रोश पनप रहा है और वे एक बार अपने घर पहुंचना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली, मुंबई और सूरत में प्रवासी मजदूरों द्वारा लॉकडाउन के नियमों के तोड़ने का उदाहरण देते हुए कहा कि यह एक अंतर्राज्यीय मामला है और केंद्र को इसे हल करने के लिये किसी तरह का फार्मूला लाना चाहिए। गहलोत ने बुधवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाददाताओं से कहा कि प्रवासी मजदूरों के बीच चिंताएं बढ़ रही हैं।
राजस्थान में जैसलमेर और जयपुर के सीतापुरा में प्रवासी मजदूर हैं जबकि कोटा में प्रवासी छात्र हैं। वो एक बार अपने घर लौटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनका ध्यान रख रही और उन्हें खाना और रहने की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। ये श्रमिक कुछ हद तक संतुष्ट हैं लेकिन वे अपने घर लौटना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार ने बुधवार को लॉकडाउन के संबंध में जो दिशानिर्देश जारी किये हैं उसे पांच दिन पहले ही जारी कर देना चाहिए था।